Rajendra Tiwari
सी वोटर का नया ओपिनियन पोल आया है। उसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में ७३ फीसदी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा करते हैं। सोशल मीडिया पर इसे तो खूब दौड़ाया जा रहा है। लेकिन साथ ही ६०.२ फीसदी का मानना है कि भारत सरकार ने चीन को यथोचित जवाब देने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं, इसकी चर्चा ही नहीं की जा रही है। इस सर्वे में ६८.३ फीसदी ने कहा है कि पाकिस्तान की तुलना में चीन भारत के लिए ज्यादा बड़ी समस्या है। अब इन तीनों जवाबों को एक साथ रखकर देखिए तो तस्वीर सत्तारूढ़ दल के लिए उतनी माफिक नहीं दिखाई देती जितनी बताई जा रही है।
कुछ सवाल देखने में तो सटीक लग रहे हैं लेकिन यदि उनके साथ कुछ और सवाल पूछे जाते तो स्पष्ट तस्वीर सामने आ पाती। जैसे - राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में प्रधानमंत्री मोदी पर आप कितना भरोसा करते है। अब इस सवाल के साथ यह सवाल भी होना चाहिए था कि क्या आप मानते हैं कि चीन ने एलएसी पर गलवान घाटी व पैंगांग के हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं कर रखा है? एक अन्य सवाल है - क्या चीन के विरोध में आम जनता क्या चीनी सामान खरीदना बंद कर देगी? इसके साथ यह भी पूछा जाना चाहिए था कि चीनी सामान किसे मानते हैं - चीन में बने सामान या चीनी कंपनियों के सामान।
एक सवाल पूछा गया है कि चीन के चल रहे मौजूदा विवाद पर भारत सरकार पर ज्यादा भरोसा करते हैं या विपक्षी दलों पर? इस सवाल पर ही सवाल उठता है कि वास्तविक स्थिति की जानकारी देने की जिम्मेदारी किसकी है - क्या सही जानकारी देने की जिम्मेदारी विपक्ष पर आयद हो भी सकती है? सवाल यह पूछा जाना चाहिए था कि क्या हमारी सरकार चीन विवाद में जनता को सही जानकारी दे रही है?
इसके अलावा ये सवाल भी पूछे जाने चाहिए थे -
- क्या १५ जून की रात की घटना की सिलसिलेवार जानकारी आधिकारिक तौर पर दी जानी चाहिए थी?
- क्या आप मानते हैं कि गलवान घाटी में चीन के ४५ सैनिक मारे गये?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें