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अपनी दुनिया को दूर से देखना उन जिए पलों की तहों में उतरना उनसे बाहर निकलना उन पलों को जीना जो अब तक अनजिए रहे यानी अनजिए के पल जिए का त...
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यदृच्छया /राजेंद्र तिवारी (प्रभात खबर से साभार) वर्ष २०११ का यह आखिरी रविवार है। चूंकि मैं पत्रकार हूं, लिहाजा मेरे दिमाग़ में भी य...
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आओ तुम्हे अपने गांव ले चलूं वह गांव जो मेरे अंदर धड़कता रहता है वह गांव जो हर जगह मेरे साथ रहता है गांव के पश्चिम परभू वाला खेत गांव के दक्ष...
आप सब को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंsachai hai ya ashle bharat ki jo ac room ma raha kar dash calatay hai
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