शनिवार, 4 जुलाई 2020

निमू में मोदी, चीन का अखबार और फोटो ऑप के लिए सेट


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमू दौरे को अपने देश के सभी अखबारों को तो प्रमुखता से प्रकाशित ही करना था लेकिन चीन के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बहुत बड़ा फोटो पहले पेज पर प्रकाशित किया। अपने यहां के किसी प्रमुख अखबार ने पहले पेज पर इतना बड़ा फोटो नहीं छापा है। साथ में इसकी खबर भी फैला कर लगाई है। आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है? इसके अलावा, द वाल स्ट्रीट जर्नल के संपादक रहे राजू नारिसेत्ती ने भाजपा द्वारा ट्वीट की गई मोदी के निमू दौरे की एक तस्वीर को लेकर सवाल खड़ा किया है कि पूरी सेटिंग फोटो खिंचवाने के लिए की गई है।

यह समझने के लिए पहले निमू की भौगोलिक स्थिति व भू-सामरिक स्थिति जानना जरूरी है - निमू कहां स्थित है, यहां से भारत व चीन के बीच की वास्तविक नियंत्रण रेखा कितनी दूर है और हमारे देश के गृहमंत्री, सत्तारूढ़ दल भाजपा और इसके प्रवक्ताओं ने इसे कहां पर स्थित बताया? 

निमू लेह से ३५ किमी दक्षिण-पश्चिम में झंस्कार रेंज के नीचे है। झंस्कार रेंज जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के बीच में पड़ती है। निमू से गलवान घाटी उत्तर में २५० किमी की दूरी पर है। यहां से पैंगांग लेक २५३ किमी, चुसुल २३१ व डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) ३१० किमी दूर है।यह सिंधु नदी के तट पर स्थित एक टूरिस्ट प्लेस है और रिवर रैफ्टिंग के लिए बेस कैंप है।लेह से बमुश्किल ४० मिनट लगते हैं इस जगह पर पहुंचने में।

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विट कर कहा था कि मोदी जी फारवर्ड पोस्ट पर हैं - Leading from the front.Prime Minister Shri @NarendraModi Ji with our brave and courageous personnel of Army, Air Force & ITBP at a forward location in Ladakh.This visit of honourable PM will surely boost the morale of our valorous soldiers. #ModiInLeh 

सत्तारूढ़ भाजपा ने ट्विट किया -  PM @narendramodi visited one of the forward locations in Nimu in Ladakh early morning today. Located at 11K feet, this is among the tough terrains, surrounded by the Zanskar range and on the banks of the Indus. He interacted with personnel of the Army, Air Force and ITBP.



फारवर्ड पोस्ट उस फौजी पोस्ट को कहते हैं जो दुश्मन फौज की रेंज में हो और सीमा या नियंत्रण रेखा से ४० किमी के दायरे में स्थिति हो। लेकिन हमारे गृहमंत्री व सत्तारूढ़ दल भाजपा ने निमू को ट्विटर पर फारवर्ड पोस्ट बताकर संदेश देने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास स्थित पोस्ट पर पहुंचे हैं। 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी खबर में लिखा है - प्रधानमंत्री मोदी जिस जगह पर गये, वह पाकिस्तान के दावे वाले क्षेत्र में है। चीन का उस क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। यदि वे अक्साई चिन से सटे गलवान क्षेत्र में आते तो अलग बात होती। गलवान से निमू २५० किमी दूर है। प्रधानमंत्री मोदी अपने देश में भयावह रूप धारण कर रही कोरोना महामारी से निपटने में अपनी विफलता से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं। गलवान घाटी प्रकरण के बाद वे अपने देश की जनता को संदेश देना चाहते हैं कि भारत हर तरह से मुकाबले को तैयार है। इसके अलावा, उनका उद्देश्य अपनी सेना में उत्साह का संचार करना है। भारत के नेताओं द्वारा अपनी जनता को संदेश देने के लिए सीमा का दौरा किया जाना आम बात है। इस खबर में शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन द्वारा जारी बयान को भी दिया गया है - नई दिल्ली रणनीतिक मिसकैलकुलेशन न करे और पूरी स्थिति पर नियंत्रण के लिए चीन के साथ मिल कर काम करे। 
इससे पहले, १९ जून को “न कोई घुसा, न घुसा हुआ है….” वाले प्रधानमंत्री के बयान की क्लिप को भी चीन ने गलवान घाटी पर अपने दावे के पक्ष में इस्तेमाल करता आ रहा है। अब उसने यह बताते हुए कि निमू गलवान से बहुत दूर है, गृहमंत्री व भाजपा के ट्विट की व्याख्या कर दी कि वे अपनी जनता को संदेश देना चाहते हैं। 

लेह में घायल जवानों के साथ पीएम के फोटो पर सवाल!



वरिष्ठ पत्रकार राजू नारिसेत्ती ने भाजपा द्वारा ट्वीट किये गये एक वीडियो पर सवाल खड़े किये हैं। इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी गलवान घाटी में १५ जून को घायल हुए जवानों से हॉस्पिटल वार्ड में बात कर रहे हैं। नारिसेत्ती इसे रिट्वीट करते हुए कमेंट किया - This photo opp is fascinating. Not one Indian soldier seems to have external injuries needing any bandages...they are all able to sit straight up (no internal injuries?), the pristine hospital ward with beds that look un-slept on...zero medical equipment. What is going on here?
क्या फोटो ऑप है! भारतीय सैनिकों में एक भी घायल दिख नहीं रहा कि उसे पट्टी बांधने की जरूरत हो…सब चुस्ती से बैठे हैं (किसी को कोई अंदरूनी चोट भी नहीं?),  बिना उपयोग में लाये हुए बेड्स वाला पुराना हॉस्पिटल वार्ड… कोई मेडिकल इक्विपमेंट भी नहीं. यह हो क्या रहा है?
इसके बाद तो सोशल मीडिया और खासकर ट्विटर पर और भी बाते सामने आने लगीं। 
लोगों ने पिछले साल अगस्त का एक फोटो रिट्वीट किया जिसमें महेंद्र सिंह धोनी लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल के कांफ्रेंस हाल में  जवानों से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो को लगाकर दावा किया जा रहा है कि धोनी और प्रधानमंत्री मोदी जहां खड़े हैं, वह एक ही हाल है। दावा किया जा रहा है कि पूरा सेट तैयार किया गया प्रधानमंत्री के लिए जहां वे घायल जवानों के साथ बात करते हुए दिखाई दे सकें।

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